कोरबा में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला एक्वापार्क,महत्वाकांक्षी एक्वा पार्क की भारत सरकार से मिली स्वीकृति।
कोरबा, (राज्यभूमि)। छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा और जांजगीर जैसे जिलों की जीवन रेखा हसदेव नदी के नाम पर पहले ही कई कीर्तिमान दर्ज हैं। प्रदेश का सबसे ऊंचा बांध बागों में निर्मित है, हसदेव से ही बिजली उत्पादन करने वाले पावर प्लांट को पानी दिया जाता है। सैकड़ों एकड़ खेतों की प्यास बुझती है। नगर निगम द्वारा यहां से पीने का पानी लोगों को सप्लाई किया जाता है तो बांगो में ही हाइडल पावर प्लांट भी मौजूद है। अब हसदेव नदी के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ जाएगा। छत्तीसगढ़ का पहला एक्वा पार्क हसदेव नदी पर बनने जा रहा है।प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ का पहला एक्वा पार्क कोरबा जिले में स्थापित करने कुल 37 करोड़ 10 लाख 69 हजार रूपए की स्वीकृति दी गई है। यह हसदेव-बांगो डूबान अंतर्गत एतमानगर और सतरेंगा में एक्वा पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों-मछुवारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। एक्वा पार्क के विस्तार से एक्वा टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। मत्स्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि सरभोंका के जलाशय सहित एतमानगर, सतरेंगा में फिलहाल केज कल्चर से मछलियों का उत्पादन हो रहा है। यहां एक्वा पार्क की स्थापना की योजना है। जिसकी स्वीकृति प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत भारत सरकार से मिली है। यहां जितने भी काम होंगे, उससे मछली पालक किसानों को भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें भी लाभ मिले। जल्द ही इसके तहत विभिन्न कार्य शुरू होंगे। एक्वा पार्क में एतमानगर में फिड मिल, फिश प्रोसेसिंग प्लांट, हेचरी और रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम भी लगाया जाएगा। एतमानगर के साथ ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतरेंगा में एक्वा पार्क का एक्सटेंशन और जागरूकता इकाई स्थापित होगी।