बारिश की एक-एक बूंद को सहेजने की कवायद,जनजाति परिवार के सदस्यों ने कुआं खोदने का कार्य किया शुरू।
कोरबा,(राज्यभूमि)। जल ही जीवन है। जल बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल के इस महत्व को विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम तेंदूटिकरा में रहने वाले पंडोपारा के आदिवासी भलीभांति समझ रहे हैं। जनजाति परिवार के सदस्य बारिश की एक-एक बूंद को सहेजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि आने वाला कल बेहतर हो सके।इसी कड़ी में जनजाति परिवार के सदस्यों ने तेंदूटिकरा के नागपथरा के पास कुआं खोदने का कार्य शुरू किया है। गांव में रहने वाले पंडो परिवार के सदस्यों ने बताया कि नागपथरा उनका पूजा स्थल है और यहां धार्मिक आयोजन के दौरान हमेशा पानी की समस्या बनी रहती है। चार साल पहले क्षेत्र के सांसद ने इस स्थान पर बोर खोदने की स्वीकृति दी थी, लेकिन बोर सफल नहीं हुआ। इलाका पथरीला होने के कारण बोर खोदने वाली मशीन यहां सही तरीके से काम नहीं कर सकी, तभी से ग्रामीण यहां पर कुआं खोदने की योजना बना रहे थे और अब गांव में यहां कुआं खोदने की सहमति बन गई है। इसके बाद पंडोपारा में रहने वाले जनजाति परिवार के सदस्यों ने नागपथरा स्थल पर कुआं खनन का कार्य शुरू किया है। कुआं खनन का कार्य जारी रहा। इस काम में जनजाति परिवार के 122 सदस्य रोज काम कर रहे हैं। इसमें महिला, पुरूष और बच्चे भी शामिल हैं। रोजाना सुबह 6 बजे गांव के सदस्य इस स्थान पर एकत्र होते हैं और सुबह 11 बजे तक कुआं खोदने का काम करते हैं। दोपहर में कोई सदस्य भोजन करने अपने घर नहीं जाते, बल्कि यहीं पर सामूहिक भोजन तैयार किया जाता है और सभी एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। थोड़ी देर तक आराम करने के बाद दोपहर 3 बजे से शाम 5.30 बजे तक कुआं खनन का कार्य जारी रहता है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही जल स्त्रोत मिल जाएगा इसके बाद खनन का कार्य बंद कर दिया जाएगा। गांव तेंदूटिकरा में पंडो जनजाति के 74 परिवार रहते हैं। इस क्षेत्र में इस जनजाति परिवार के सदस्यों की संख्या अधिक है। इस कार्य में एकता परिषद की ओर से सहयोग किया जा रहा है। परिषद के सदस्य मुरली दास संत भी लगे हैं।