विजय सेंट्रल कोल माइंस को वेस्टिंग आर्डर जारी, कोयला खदान को रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने किया है हासिल।

कोरबा, (राज्यभूमि)। वाणिज्यिक खनन के तहत 11वें दौर में 12 कोयला खदानों की नीलामी हुई थी। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित बनई और भालूमुंडा एवं विजय सेंट्रल कोल माइंस भी सम्मिलित थे। दोनों कोल माइंस को वेस्टिंग आर्डर जारी किया गया है।27 मार्च, 2025 को बनई और भालूमुंडा एवं विजय सेंट्रल कोल माइंस के विकास एवं उत्पादन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। 29 मई, 2025 को भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा दोनों कोयला खदान को वेस्टिंग ऑर्डर जारी किया गया।सुंदरगढ़ कोलफील्ड्स के अंतर्गत विजय सेंट्रल कोयला खदान कोरबा जिले के पसान क्षेत्र में स्थित है। नीलामी में इस कोयला खदान को रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने हासिल किया है। इस खदान में 56.750 मिलियन टन (एमटी) कोल रिजर्व है। पूर्व में विजय सेंट्रल कोयला खदान कोल इंडिया और एसकेएस इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड को आबंटित हुई थी।बनई और भालूमुंडा एक संयुक्त कोयला खदान है। यह खदान रायगढ़ जिले में स्थित मांड- रायगढ़ कोलफील्ड्स में है। इस खदान में 1376.0757 मिलियिन टन का बड़ा कोल रिजर्व है। नीलामी में जिंदल पावर लिमिटेड ने इस खदान को हासिल किया है। बनई और भालूमुंडा कोयला खदान पूर्व में एनटपीसी को आबंटित थी। वेस्टिंग आर्डर जारी होने के बाद दोनों खदान के शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।