किसानों को सता रही खाद बीज की चिंता, अच्छी बारिश से खेती किसानी ने पकड़ा जोर।

कोरबा,( राज्यभूमि)। प्री मानसून के बाद अब मानसून के शुरुआती दिनों में अच्छी खासी बरसात हुई है। इस वर्ष हुई बारिश अब तक की स्थिति में पिछले 10 वर्ष के औसत बरसात से बेहतर है। किसान इससे उत्साहित हैं, जिन्होंने खेती किसानी के कार्यों को तेजी से शुरू कर दिया है।जिले में अब तक की स्थिति में 30 फीसदी बोनी का काम पूरा कर लिया गया है। किसान तेजी से यह काम कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ समितियों से भी खाद और बीज का वितरण किया जा रहा है। हालांकि सरकारी समिति में खाद की उपलब्धता अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। जितनी जरूरत है किसानों को उतनी मात्रा में खाद उपलब्धता फिलहाल नहीं हो पा रही है। हालांकि कृषि विभाग ने कहा है कि जरूरत के अनुसार किसानों को खाद बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। भंडारण किया जा रहा है। अब तक के भंडारण के अनुसार अधिक से अधिक खाद बीज का वितरण किसानों को किया गया है। कृषि विभाग ने इस वर्ष निजी और सरकारी को मिलाकर कल 20 हजार 637 मीट्रिक टन खाद के भंडारण का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके विरुद्ध अब तक 9 हजार 783 मीट्रिक टन खाद का ही भंडारण हो सका है। इस भंडारण के विरुद्ध अब तक 73 फ़ीसदी खाद वितरित किया जा चुका है, लेकिन भंडारण का प्रतिशत काफी कम है। अब तक निर्धारित लक्ष्य की तुलना में आधे खाद्य का भी भंडारण नहीं किया जा सका है। निजी और सरकारी दोनों को मिलाकर 47.41 फीसदी खाद का ही भंडारण हो सका है। हालांकि जितने खाद का भंडारण अब तक हुआ है उसमें से 73 फीसदी किसानों को बांटा जा चुका है। कृषि विभाग ने इस वर्ष भी यूरिया, डीएपी, एमओपी, एसएसपी और एनपीके जैसे खाद किसानों के लिए भंडारित करने का लक्ष्य रखा है।1 लाख 37 हजार हेक्टेयर में होगी खरीफ की खेती। इस वर्ष खरीफ सीजन के लिए कृषि विभाग ने कुल मिलाकर 1 लाख 37 हजार 360 हेक्टेयर खेत में खरीफ फसल उगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अलग-अलग प्रकार के अनाज का रकबा 1 लाख 4 हजार 40 हेक्टेयर है। जिसमें मक्का कोदो, कुटकी ज्वार आदी शामिल है। जबकि दलहन के लिए 13 हजार 580 रकबा में खेती का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें अरहर, मूंग, उड़द और कुलथी जैसी दलों के फसल शामिल हैं। तिलहन के लिए 4400 हेक्टेयर खेती का रकबा लक्ष्य के तौर पर शामिल किया गया है। जिसमें मूंगफली, तिल, राम तिल शामिल है।

30 फीसदी बोनी का काम पूरा।

इस वर्ष प्री मानसून और शुरुआत के मानसून में अच्छी खासी बरसात हुई है। इसका असर यह हुआ है किसान जल्दी से खेती किसानी के काम में जुट गए हैं। अब तक जिले भर में 30 फीसदी बोनी का काम पूरा किया जा चुका है। 1 जून से 4 जुलाई तक की स्थिति में जिले में कुल मिलाकर 260 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई है। इसी अवधि में पिछले 10 वर्षों की औसत बारिश 242 एमएम है। इस वर्ष 4 जुलाई तक की स्थिति की बरसात पिछले 10 साल के औसत वर्षा से काफी अधिक है।खाद बीज का वितरण,प्री मानसून और अब तक के मानसून में अच्छी वर्षा हुई है। जिसके बाद किसान खेती में जुट गए हैं। इस बार कुल मिलाकर 1 लाख 37000 हेक्टेयर में खरीफ फसल का रकबा निर्धारित किया गया है। अनाज के साथ ही मूंगफली और तिलहन के फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सोसाइटी से किसानों को खाद बीज का वितरण किया जा रहा है। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि ठीक समय पर किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज की आपूर्ति कर दी जाए। यह किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण समय है।