बारिश के साथ जमीन से बाहर निकलने लगे सांप, अलर्ट मोड पर शहर के युवा रेस्क्यूअर।सांपों को पकड़कर कर रहे सुरक्षित रिलीज, एक कॉल पर मिल रही मदद।
कोरबा, (राज्यभूमि)। बारिश के दस्तक देते ही शहर और आसपास के क्षेत्रों में सांपों की सक्रियता तेजी से बढ़ गई है। नमी और जलभराव के चलते सांप अब रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में शहर के दर्जनभर युवा रेस्क्यूअर दिन-रात मुस्तैद हैं, जो हर दिन औसतन 15 से 20 सांपों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित रूप से जंगल या प्राकृतिक आवासों में छोड़ रहे हैं। ये युवा रेस्क्यूअर बिना किसी सरकारी मदद के महज जनसेवा की भावना से यह काम कर रहे हैं।कॉल मिलते ही वे मौके पर पहुंचकर सांप को सुरक्षित पकड़ते हैं और बिना उसे कोई नुकसान पहुंचाए, उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ते हैं। इन रेस्क्यूअर ने अब तक सैकड़ों लोगों को सांप के भय से राहत दिलाई है। युवा स्नेक रेस्क्यूअर का काम कर निडरता से लोगों के साथ ही सांप की भी जान बचा रहे हैं।फिनाइल, फोरेट या पेट्रोल का न करें छिड़काव।जानकार बताते हैं कि बारिश के दिनों में सांप बारिश और भोजन की तलाश में रहवासी एरिया में पहुंच जाते हैं। सांप को भगाने या मारने के लिए फिनाइल, फोरेट, पेट्रोल या डीज़ल का छिड़काव न करें। इससे सांप की मौत हो सकती है। सांप कीटों-चूहों की संख्या नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्हें जब तक कोई नुकसान नहीं पहुंचता, वे भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते।बारिश में जमीन पर न सोएं, न ही घर में रखें कबाड़,बरसात के दिनों में जमीन पर सोने से बचें और घर के कोनों में कबाड़ जमा न होने दें, क्योंकि यही जगहें सांपों के छिपने की सबसे सुरक्षित पनाहगाह बन जाती हैं। नालियों, गड्ढों और पुराने टायरों जैसी जगहों पर सांप अक्सर आश्रय लेते हैं। ऐसे में कबाड़ घर में जमा रहे तो सांप वहां आकर पनाह ले सकता है। इससे समस्या हो सकती है।सभी सांप नहीं होते जहरीले ,बारिश के दिनों में सांपों की सक्रियता बढ़ जाती है, लेकिन डरने की नहीं, समझदारी की जरूरत है। अधिकतर सांप जहरीले नहीं होते और खुद बचना चाहते हैं। लोग फिनाइल, फोरेट या पेट्रोल का छिड़काव करते हैं, जो सांप और पर्यावरण दोनों के लिए घातक है। सुझाव है कि सांप दिखे तो घबराएं नहीं, नजदीकी रेस्क्यूअर को तुरंत सूचना दें। बच्चों और महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। रेस्क्यू सिर्फ साहस नहीं, जिम्मेदारी है।