बकाया बिजली पहुंचा 370 करोड़ 36 लाख, वसूली छूट रहा विभाग का पसीना।
कोरबा,(राज्यभूमि)। जिलेभर में बिजली बिल की बकाया राशि वसूलने के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टॉफ नहीं है। 370 करोड़ 36 लाख रूपए वसूलने को लेकर विभाग को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके विभाग द्वारा वसूली के प्रयास जारी है।जिले में बिजली बिल की वसूली को लेकर विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन स्टॉफ की कमी के कारण वसूली में रूकावट आ रही है। यदि विभाग द्वारा दिये गये आंकड़ों को देखा जाए तो 2024-25 के पूर्व जिले भर में बिजली बिल की बकाया राशि 322 करोड़ 61 लाख थी। जबकि 2024-25 में बढक़र 370 करोड़ 36 लाख हो गई। इसमें सबसे अधिक 296 करोड़ घरेलू कनेक्शन का बकाया है। व्यवसाय कनेक्शन का 14 करोड़, उद्योगों का पौने दो करोड़ बाकी अन्य कनेक्शनों का पैसा बिजली विभाग को वसूलना है। विभाग के अधिकारियों की माने तो अक्सर चर्चा उद्योगों और व्यवसायिक कनेक्शनों के बारे में की जाती है कि ये लोग बिजली की चोरी करते हैं, लेकिन यह सही नहीं है। विद्युत विभाग द्वारा उद्योगों और व्यवसायिक कनेक्शनों को ऑफिस से बाहर निकाल कर लगा दिया गया है और इनकी निरंत मॉनिटरिंग की जाती है। यहीं कारण है कि उद्योगों द्वारा बिजली चोरी में गिरावट आई है। जिलेभर में फैले घरेलू कनेक्शनों से वसूली में दिक्कतें काफी है। कनेक्शन विच्छेद ही एक मात्र रास्ता है, लेकिन पूरे जिलेभर में कार्रवाई करने को लेकर कर्मचारियों की कमी आडे आती है। यहीं कारण है कि घरेलू कनेक्शन का 296 करोड़ बकाया है। इसका एक मात्र उपाय है स्मार्ट मीटर ये ऐसी स्कीम है कि इससे उपभोक्ता के साथ-साथ विभाग के लिए भी आसानी हो जाएगी। अधीक्षण अभियंता पीएल सिदार ने कहा कि कि आने वाले एक साल में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा होगा। साथ ही 370 करोड़ की बकाया राशि वसूलने में तेजी लाई जाएगी।50 हजार घरों में लगाए गए स्मार्ट मीटर।विभाग को दो वर्ष में 2 लाख 90 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य दिया गया था जिसमें से 50 हजार स्मार्ट मोटर लगा दिए हैं। आने वाले एक साल में जिले के हर घर में स्मार्ट मीटर होगा इनके लगने से विभाग एवं उपभोक्ताओं दोनों को आसानी होगी। यहां यह जानना आवश्यक है कि जिलेभर की लगभग 14 लाख आबादी में विभाग का दावा एक साल के अंदर स्मार्ट मीटर लगाने का है। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए नहीं लगता कि आने वाले एक साल के अंदर लक्ष्य पूरा होगा।