बालको ने राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर कृषकों को किया सम्मानित
बालकोनगर.वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर किसानों के सम्मान हेतु कार्यक्रम आयोजित किया। किसानों की उपज, आय बढ़ाने और उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाने प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वेदांता कृषि संसाधन केंद्र (वीएआरसी) में कार्यक्रम आयोजित किया गया। एसआरआई विधि, जैविक खेती, पशुपालन, सब्जी की खेती और सर्वश्रेष्ठ ग्राम विकास समिति के माध्यम से चावल की खेती की प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ कृषि पद्धतियों का पालन करने वाले पांच किसानों को कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया गया। सम्मान समारोह में बेला, दोंद्रो, संगम नगर, चुइया, सोनपुरी, भटगांव, मुरधवा आदि विभिन्न गांवों के 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
बालको द्वारा कृषि उन्नयन को सदैव ही सर्वोपरि स्थान देने पर बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने कहा कि हमारे किसान देश के आर्थिक विकास के प्रमुख अंग हैं। कंपनी हमेशा विभिन्न तकनीकी और शैक्षिक हस्तक्षेपों के माध्यम से अपने पड़ोसी कृषक समुदाय के उत्थान और उन्नति के लिए समर्पित रहा है। बालको प्रशिक्षित किसानों ने जैविक खेती, कृषि नवाचार और नवीन तकनीकों की मदद से विभिन्न फसलों का उत्पादन बढ़ाने में सफलता पाई है। कृषि प्रोत्साहन परियोजना ‘मोर जल मोर माटी’ से किसानों को लाभ मिल रहा है। श्री पति कहा कि हम अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के जरिए जरूरतमंदों किसानों की हरसंभव मदद करने के लिए कटिबद्ध है।
बालको की सामुदायिक विकास परियोजना ‘मोर जल मोर माटी’ का प्रमुख उद्देश्य सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने, फसल उत्पादन में वृद्धि, किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराने के साथ जल और मृदा प्रबंधन को उत्कृष्ट बनाना है। परियोजना का मुख्य घटक कृषि, जल प्रबंधन, पशुपालन, मत्स्य पालन, बाड़बंदी, वनोपज एवं वन संरक्षण और लाख की खेती शामिल है।
परियोजना 1500 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 2000 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। 500 से अधिक किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया है जिससे उनकी औसत वार्षिक आय के साथ-साथ उत्पादन में लगभग दो गुना वृद्धि हुई है। तकनीकी सहयोग से लागत में 35% की कमी आई है। आसपास के लगभग 60% किसान आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। इस परियोजना से युवा कृषि को मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। ‘मोर जल मोर माटी’ पहल में लगभग 25% लाभार्थी युवा किसान हैं। इस परियोजना से स्थानीय किसान अनेक शासकीय योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
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