जिले के 6 उपार्जन केंद्रों में 20 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम
उपार्जन केंद्रों से सात लाख क्विंटल धान का उठाव होना बाकी
कोरबा(राज्यभूमि) जिले में धान उठाव की रफ्तार धीमी है। छह ऐसे उपार्जन केंद्र हैं, जहां 20 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम पड़ी हुई है। इसमें सबसे अधिक सिरमिना में 23 हजार 553 क्विंटल, अखरापाली में 23 हजार 280, भैसमा में 22 हजार 832 क्विंटल, बरपाली में 20 हजार 349 क्विंटल, तुमान में 20 हजार 755, करतला में 20 हजार 602 और बरपाली कोरबा में 19 हजार 160 क्विंटल धान जाम पड़ी हुई है।
केंद्रों में धान बफर लिमिट से अधिक होने की वजह से समितियों की परेशानी बढ़ गई है। अब धान लेकर उपार्जन केंद्र पहुंचने वाले किसानों का धान को सुरक्षित रखने को लेकर चिंतित हैं। जिले के उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव धीमी गति से चल रही है। शुक्रवार की देर शाम तक की स्थिति में 25 लाख 47 हजार 426 क्विंटल की अपेक्षा मिलर्स ने 18 लाख 38 हजार 438 क्विंटल धान का उठाव किए थे। लेकिन सात लाख पांच हजार 892 क्विंटल धान उपार्जन केंद्रों में जाम पड़े हुए थे। हालांकि विभाग का दावा है कि शनिवार और रविवार को धान खरीदी नहीं होती है। इस दौरान धान का उठाव तेजी से होती है।
40 हजार 637 किसानों ने बेचा है धान
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए जिले में 65 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। धान बिक्री के लिए जिले में 54 हजार 98 किसानों ने पंजीयन कराया है। एक दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी के बाद 17 जनवरी तक की अवधि में 40 हजार 637 किसानों ने उपार्जन केंद्रों में 25 लाख 47 हजार 426 क्विंटल धान बेचा है जो लगभग एक लाख 51 हजार 162 हेक्टेयर क्षेत्र में उगाए धान के बराबर है। लेकिन देरी से धान की फसल लगाने वाले किसान अभी तक उपार्जन केंद्रों में धान लेकर नहीं पहुंचे हुए हैं।
अभी भी 13 हजार 461 किसानों का धान बेचना शेष
बताया जा रहा है कि 13 हजार 461 किसान धान की फसल बेचने से बचे हुए हैं। उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक है। जैसे-जैसे अंतिम तिथि नजदीक आ रही है वैसे-वैसे शेष किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। किसान धान की बिक्री के लिए उपार्जन केंद्रों में टोकन प्राप्त कर रहे हैं। इस साल भी अधिकांश किसानों ने मोटा धान के फसल का उत्पादन किया है।
सबसे ज्यादा मोटा धान की खरीदी
बताया जा रहा है कि अभी तक समिति को प्राप्त धान में सबसे अधिक 25 लाख 39 हजार 500 क्विंटल मोटा धान ही है। इसके अलावा सात हजार 925 क्विंटल सरना धान की खरीदी की गई है। हर बार की तरह इस बार भी सरकार को किसानों ने धान बेचने के लिए मोटा धान उगाया है। इस साल भी पतला धान किसानों ने समर्थन मूल्य पर सरकार को नहीं बेचा है। खरीदी की रफ्तार से उम्मीद है कि इस साल 30 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी केंद्रों में होगी।