किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा रहा खाद वितरण।

कोरबा,( राज्यभूमि)। खेती किसानी के काम ने जोर पकड़ लिया है। खरीफ सीजन को लेकर खेतों में प्राथमिक तैयारियां जारी है। खेतों में जुताई का कार्य परंपरागत तरीके के अलावा मेकेनाइज्ड सिस्टम से भी हो रहा है। जिले में लगभग डेढ़ लाख किसान खेती से जुड़े हुए हैं। खबर है कि कुछ इलाकों में खाद की कमी है। विभाग ने किसानों को विकल्पों के बारे में जानकारी देकर उपयोग करने की सलाह दी है।जानकारी के अनुसार जिले की कुल 41 सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को रसायनिक खाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इसमें अलग-अलग केटेकेगरी की खाद शामिल है। इसी विभाग के जरिये समितियों में खाद का भंडारण कराया गया है। जानकारी मिली कि 6-7 समितियों में डीएपी खाद नहीं है। जबकि दूसरा सामान भी उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में किसानों को खरीफ सीजन की तैयारियों को लेकर दिक्कत हो रही है। बार-बार चक्कर लगाकर किसानों को लौटना पड़ रहा है। बताया जा रहा है इसलिए 950 मेट्रिक टन डीएपी खाद जिले में उपलब्ध है। हालाकि कुछ जगह इसका संकट है। किसानों को विभाग की ओर से सलाह दी जा रही है कि डीएपी की आधी मात्रा के साथ आधी बोरी युरिया और तीन बोरी सुपर फॉस्फेट फर्टिलाईजर का उपयोग किया जाए। फसल की उर्वरा क्षमता के लिए यह प्रयोग सार्थक है। इसके अलावा नेनौ फर्टिलाइजर का उपयोग करने की सलाह लगातार दी जा रही है।