*घोषणा पत्र का बखान करने पहुंचे बेलतरा विधायक “पट्टे” के सवाल पर बुरी तरह घिरे, नहीं बना जवाब देते, बगलें झांकने लगे और दिया गोलमोल जवाब*

घोषणा पत्र का बखान करने पहुंचे बेलतरा विधायक “पट्टे” के सवाल पर बुरी तरह घिरे, नहीं बना जवाब देते, बगलें झांकने लगे और दिया गोलमोल जवाब

कोरबा। भाजपा के घोषणा पत्र का बखान करने बेलतरा विधायक रजनीश सिंह कोरबा पहुंचे थे। वह धान के समर्थन मूल्य, तेंदूपत्ता और पट्टा जैसे मुद्दों की बात कर रहे थे। कह रहे थे कि यह ऐतिहासिक घोषणा पत्र है। लेकिन जब पत्रकारों ने सवाल पूछा कि पट्टा कैसे बांटेंगे, यह मुद्दा तो घोषणा पत्र में शामिल ही नहीं है। धान के बदले 3100 रुपये का समर्थन मूल्य किस राज्य में दिया जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ में मिलेगा?
इस तरह के सवाल सुन बेलतरा विधायक रजनीश सिंह बुरी तरह से घिर गए। वह किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। उन्होंने सवालों के जवाब में सिर्फ घोषणाओं की बात की, इनका क्रियान्वयन कैसे होगा? फंड कहां से आएगा? इस तरह का कोई जवाब वह नहीं दे पाए। सुस्त पड़ चुके भजपा प्रत्याशी और भाजपा के जिले के संगठन को रिचार्ज करने का प्रयास तो किया। लेकिन वह खुद ही बुरी तरह से घिर गए और उल्टे पांव लौट गए।

घोषणाओं के लिए फंड कहां से आएगा, इसका नहीं था कोई जवाब –

रजनीश से पूछा गया कि घोषणा पत्र के वादे पूरे कैसे होंगे, फण्ड कहा से आएगा? इस पर वह पुरानी बात करने लगे और कहने लगे कि जब महतारी योजना आई थी। तब भी लोग पूछते थे, लेकिन हमने प्रबंध किया।
इसी तरह से फंड की व्यवस्था हो जाएगी। सरकार बनने पर इंतजाम हो जाएगा। लेकिन फंड कहां से आएगा? योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे होगा? किस तरह से सरकार काम करेंगी? इस पर वह कोई जवाब नहीं दे पाए।

 

1 लाख नौकरी का वादा जुमलेबाजी तो नहीं?-

रजनीश ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ में 1 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी।
जिस पर उनसे सवाल किया गया कि इसी तरह से पीएम मोदी ने भी वादा किया था कि 2 करोड़ रोजगार देंगे। लेकिन आज तक वह नहीं मिले हैं। इसी तरह यह वादा भी जुमलेबाजी तो नहीं? रजनीश ने इस सवाल का जवाब भी नहीं दिया कि छत्तीसगढ़ के किस विभाग में कितने पद रिक्त हैं?
कहा कि है पुलिस और कई विभागों में पद खाली हैं। उसका डाटा कलेक्ट करके मैं आपको उपलब्ध करा दूंगा। जब हम सरकार में आएंगे तब नौकरियां देंगे।

 

कॉपी पेस्ट तो नहीं है घोषणा पत्र-

घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य, तेंदूपत्ता का दाम बढ़ाना और इस तरह के ऐसे कई बातें हैं, जो कांग्रेस सरकार ने पिछले चुनाव में अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। इस बार इन्हें बढ़ाने की भी बात कही थी। यह सवाल जब रजनीश से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह कॉपी पेस्ट नहीं है। हम अपनी घोषणा कर रहे हैं। धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए करने पर उन्होंने कहा कि सरकार बनी तो हम यह धान देंगे।
फिर उनसे पूछा गया कि भाजपा शासित ऐसा कौन सा राज्य है जहां 3100 रुपये का समर्थन मूल्य बीजेपी दे रही है। वह इस सवाल का जवाब भी नहीं पाए।
उन्होंने कहा कि कहां दे रही है, यह सवाल नहीं है। हमने घोषणा की है और हम अपनी घोषणा पूरा करते हैं।

 

देशभर में सिलेंडर 1100 के ऊपर तो छत्तीसगढ़ में 500 कैसे-

घोषणा पत्र में बीजेपी ने ₹500 में एलपीजी सिलेंडर देने की बात का उल्लेख किया गया है। रजनीश से पूछा गया कि देश भर में सिलेंडर के दाम 1100 से सबसे अधिक है। स्मृति ईरानी कांग्रेस सरकार में सर पर सिलेंडर लेकर प्रदर्शन करती थी। अब क्यों खामोश हैं, उन्होंने कहा कि हम ₹500 में सिलेंडर देंगे, हमने घोषणा की है।
सवाल पूछा गया कि देशभर में तो सिलिंडर के दाम 1100 है। सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही ₹500 में कैसे दे पाएंगे? इस पर भी वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जब देश भर में एलपीजी सिलेंडर के दाम ₹1100 है। तो केवल छत्तीसगढ़ में ही वह ₹500 में सिलेंडर कैसे दे सकते हैं, यह अवसर देश के अन्य राज्यों को केंद्र सरकार क्यों नहीं दे रही है। जब केंद्रीय मंत्रियों से महंगाई और एलपीजी सिलेंडर के दाम के बारे में पूछा जाता है। तब वह कहते हैं कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर है। इसे हम नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन छत्तीसगढ़ में वह ₹500 प्रति एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा कर देते हैं।

 

रजनीश से पेश किया गलत आंकड़े गुमराह करने का भी प्रयास-

बेलतरा विधायक रजनीश सिंह वैसे तो पूरी तैयारी के साथ आए थे। घोषणा पत्र के विषय में डींग हांक रहे थे, लेकिन बावजूद इसके वह चूक कर गये, उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार प्रति एकड़ खेत के विरुद्ध 15 क्विंटल धान ले रही है। हमारी सरकार बनी तो 21 क्विंटल लेंगे।
लेकिन रजनीश की जानकारी इस विषय में अधूरी थी। उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि 1 नवंबर से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी वर्तमान शासन में शुरू हो चुकी है। उन्होंने इस तरह के गलत तथ्य और आंकड़े भी पेश किये। घोषणा पत्र के कई वादे और दावे कलेकर वह पत्रकारों के बीच पहुंचे थे। लेकिन इन्हें लागू कैसे किया जाएगा इसका कोई विजन उन्होंने नहीं बताया। घोषणा पत्र के ज्यादातर बिंदु में ऐसी बातें शामिल थी। जो 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। हालांकि कुछ नई बातें भी थी। लेकिन उसे भी रजनीश ठीक तरह से नहीं बता पाए l

दिनेश मनहर राज्य भूमि